Thursday, September 23, 2010
Saturday, March 13, 2010
Tuesday, February 16, 2010
मेरी दीक्षा
एक सायं बनोरा आश्रम में बाबा के कक्ष में मैनें याचना की "बाबा मुझे दीक्षा दीजीये"
बाबा-"क्यों बन्धना चाहते हो, मन से गुरू मान लो बस हो गया"
मैं--"३५ वर्षों से स्वतन्त्र ही हूँ, अब बन्धना चाहता हूँ"
बाबा चुप हो गये और शून्य में देखने लगें । घोर नि:शब्द्ता व्याप्त हो उठी । कहीं भी कोई आवाज नहीं । उस पल का गवाह बनने के लिये सूर्य ने गरदन झुका कर कमरे में झाँका । सायं के सूर्य की पीली रोशनी से कमरा नहा उठा । न जाने कितने वक्त मैं इस रोशनी में नहायी नि:शब्द्ता में डूबा रहा । पहली बार महसूस किया, कुछ पल समय के दायरे से बाहर होते हैं ।
तब गुरुदेव ने कहा -"वह तो नवरात्री के बाद होता है।"
इस स्वीकृति से मन उमन्ग से भर गया ।
फ़िर करिब ९ महीने बाद, ३०.०९.२००९ को गुरुदेव ने शिवरी नारायण आश्रम में मुझे मन्त्र दीक्षा दी और मेरे लिये सम्भावनावों का सन्सार खोल दीया ।
श्री गुरुवे नम: ।
बाबा-"क्यों बन्धना चाहते हो, मन से गुरू मान लो बस हो गया"
मैं--"३५ वर्षों से स्वतन्त्र ही हूँ, अब बन्धना चाहता हूँ"
बाबा चुप हो गये और शून्य में देखने लगें । घोर नि:शब्द्ता व्याप्त हो उठी । कहीं भी कोई आवाज नहीं । उस पल का गवाह बनने के लिये सूर्य ने गरदन झुका कर कमरे में झाँका । सायं के सूर्य की पीली रोशनी से कमरा नहा उठा । न जाने कितने वक्त मैं इस रोशनी में नहायी नि:शब्द्ता में डूबा रहा । पहली बार महसूस किया, कुछ पल समय के दायरे से बाहर होते हैं ।
तब गुरुदेव ने कहा -"वह तो नवरात्री के बाद होता है।"
इस स्वीकृति से मन उमन्ग से भर गया ।
फ़िर करिब ९ महीने बाद, ३०.०९.२००९ को गुरुदेव ने शिवरी नारायण आश्रम में मुझे मन्त्र दीक्षा दी और मेरे लिये सम्भावनावों का सन्सार खोल दीया ।
श्री गुरुवे नम: ।
Monday, November 23, 2009
Saturday, November 21, 2009
सकलभुवनसृष्टि: कल्पिताशेषपुष्टि-
र्निखिलनिगमदृष्टि: संपदां व्यर्थदृष्टि:
अवगुणपरिमार्ष्टि-स्तत्पदार्थैकदृष्टि-
र्भवगुणपरमेष्टि-मोक्षमार्गैकदृष्टि:
(जो सम्पूर्ण भूलोक के रचयिता एवं पालनकर्ता हैं, सम्पूर्ण वेद-पुराण जिनकी दृष्टि में हैं, सम्पूर्ण ऎश्वर्य को जो तुच्छ समझते हैं, जो सभी दुर्गुणों को दूर करने वाले हैं, जो जीव-ब्रह्म के तत्व को जानने वाले हैं, जो इस भवसागर से छुटकारा दिलाने वाले एवं मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करने वाले हैं, वे गुरुदेव मेरे हॄदय में निवास करें) -श्री गुरुगीता
Tuesday, November 17, 2009
Sunday, November 15, 2009
Saturday, November 14, 2009
Thursday, November 12, 2009
Wednesday, November 11, 2009
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