Thursday, November 12, 2009



आकल्पजन्मना कोट्या जपव्रततप: क्रिया:
तत्सर्वम् सफ़लम् देवि गुरुसन्तोषमात्रत:
(श्री गुरुदेव की सन्तुष्ति मात्र से अनेको जन्मों मे किये गये करोरों जप, तप आदि क्रियायें सफ़ल हो जाते हैं)- श्री गुरुगीता